लेखनी प्रतियोगिता -09-Apr-2022
माँ काली
आई माँ काली, दुष्टों का संहार करने...
आई माँ गौरा, भक्तों का उद्धार करने....
आजा ओ माता! भक्तों ने पुकारा, काहे को तुमने रुप काली का धारा?
गले तुम्हारे, मुण्डो की माला ,रुप विशाल विकराल तुम्हारा
कोई कहे महाकाली, कोई कहे महागौरी,
आई माँ काली......
रक्तबीज का वध किया, रक्त को उसके पी लिया
तीन लोक के कोहराम को, माँ काली तूने शांत किया
तू ही माँ गौरी, तू ही माँ अम्बे, अब तो भरदे झोली जगदम्बा
आई माँ काली......
क्रोध में थी माँ काली माता, कोई न था जो शांत कर पाता
जब शिव शंकर को ,याद किया, शिव ने खुद को, माँ के चरणों में गिरा दिया
जैसे माँ ने पैर बढाया, शिव शंकर को पैरों पर पाया
शांत किया खुद को माँ ने, माँ गौरा का रुप लिया,
हे माँ गौरी! हे माँ काली! अब तो भरदे ये झोली खाली
तेरे दर पे आया संवाली, दर्शन तो दे दे हे मात भवानी
आई माँ काली.....
श्वेता दूहन देशवाल
मुरादाबाद उत्तर प्रदेश
Shrishti pandey
10-Apr-2022 11:18 PM
Very nice
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Shnaya
10-Apr-2022 02:27 PM
Nice
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Reyaan
10-Apr-2022 01:26 PM
Very nice
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